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नेक दिल वाले इंसान

नेक दिल वाले इंसान 

पारिवारिक बंधनों में बंधे हैं इंसान
आना जाना तो बस नियति के हाथों में है
जो  कभी भूलता नही है अपना दायित्व
वही तो नेक दिल वाले इंसान हैं।
झगड़े बहुत है समाज में
चार दिनों की है ये जिंदगी
जो चाहता है सबके चेहरों पर मुस्कान
वही तो नेक दिल वाले इंसान हैं।
मानव तू बहुत समझदार कहलाता है
पर आज तू अपना रूप क्यों बदल रहा है
कर्तव्य और फर्ज के मर्म को जो समझता है
वही तो नेक दिल वाले इंसान हैं।
अधिकार और हक के विवाद में न पड़े
और देश हित में अपना सर्वस्व लुटा दें
जो साम दाम दण्ड भेद की नीति नहीं अपनाता है
वही तो नेक दिल वाले इंसान हैं।
हम सफर कुछ सिखाता है हमें
हर नजर कुछ दिखाता है हमें
जो व्यक्ति समझता है कि
माता पिता गुरु जी के चरणों में चारों धाम है
वही तो नेक दिल वाले इंसान हैं।
ओ इंसान यदि तुम्हें देखना है भगवान
तो बन जा तू, सबकी दिल की धड़कन
जो दुर्भावना को तज, सदभावना रखता है
वही तो नेक दिल वाले इंसान हैं।

नूतन लाल साहू

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